The smart Trick of संघर्ष हौसला पर शायरी That Nobody is Discussing

'राह पकड़ तू एक चला चल, पा जाएगा मधुशाला।'। ६।

और रसों में स्वाद तभी तक, दूर जभी तक है हाला,

वही वारूणी जो थी सागर मथकर निकली अब हाला,

हर मधुऋतु में अमराई में जग उठती है मधुशाला।।३४।

नदियों के बहाव को रोका और उन पर बाँध बना डाले

हे भगवान् , तुम्हारा चन्दन जैसे व्रिक्स

यदि इन अधरों से दो बातें प्रेम भरी करती हाला,

रहे फेरता अविरत गति से मधु के प्यालों की माला'

देव अदेव जिसे ले आए, संत महंत मिटा देंगे!

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डंडों की जब मार पड़ेगी, आड़ करेगी मधुशाला।।७६।

बजी नफ़ीरी और नमाज़ी भूल गया अल्लाताला,

सुमुखी तुम्हारा, सुन्दर मुख ही, मुझको कन्चन का प्याला

कभी न कोई कहता, 'उसने जूठा कर डाला प्याला',

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